Sunday, June 14, 2020

How life would be after Corona pandemic


                                                       

 

                    कोरोना के दौर के बाद बदली-बदली सी नजर आएगी दुनिया

कोरोना महामारी ने दुनिया के तौर तरीकों को बदलने पर मजबूर कर दिया है। आने वाले दिनों में चीजें पहली जैसी नहीं रहेंगी। विश्लेषकों का मानना है कि जैसा विश्व युद्ध के पहले की दुनिया और बाद की दुनिया में दुनिया का उल्लेख किया जाता है वैसे ही कोरोना के पहले की दुनिया और बाद की दुनिया में इसका उल्लेख किया जाएगा। विश्लेषक मानते हैं कि कोरोना के बाद दुनिया में बड़े स्तर पर बदलाव आ सकता है, और वह बदलाव ऐसा होगा जैसा पहले कभी देखने को नहीं मिला होगा। यह बदलाव पाॅजिटिव भी होगा और निगेटिव भी। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस महामारी ने दुनिया पर कितना गहरा प्रभाव छोड़ा है। कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस संस्थान के सीनियर फेलो हारून डेविड मिलर के अनुसार, नई दुनिया कैसे होगी यह इस बात पर बहुत निर्भर करेगा कि कोरोना से लड़ने के लिए दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं किस तरह के कदम उठाती हैं, और कोरोना के खतरों से निपटने में इन देशों की सरकारों का प्रदर्शन कैसा रहता है।

1-वैश्विक महामारी लोगों में राष्ट्रीय एकता बढ़ाएगी

कोरोना वायरस मानव जाति का ऐसा दुश्मन है जो जाति, रंग, क्षेत्र या हैसियत देखा बिना प्रभावित कर रहा है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर पीटर टी. कोलमेन के अनुसार, इससे दुनिया भर में ध्रुवीकरण की राजनीति खत्म हो जाएगी। इसका असर अमेरिकी चुनाव में साफ नजर आ जाएगा। प्रो. कोलमेन के अनुसार, ये महामारी लोगों में थोड़ी आदर्ष स्थिति ला सकती है, जो राष्ट्रीय एकता को बढ़ाएगी। लेकिन ऐसा सोचने के दो अहम कारण हैं, पहला सभी का एक ही दुश्मन होना, लोग एक ही दुश्मन होने पर अपने पुराने बैर को भूलकर उससे निपटने के लिए एकजुट हो जाते हैं। दूसरा कारण, कोरोना वायरस यहीं खत्म नहीं होगा, जब कोरोना वायरस वेव-2 आएगी तो संबंधों के पैटर्न में बदलाव आएगा और मौजूदा व्यवस्थाओं को तगड़े झटके लगेंगे। सामाजिक झटके कई स्तर पर बदलाव लाते हैं। इससे चीजें बेहतर के साथ खराब भी होती हैं। 1816 से 1992 के बीच किए गए शोध के मुताबिक, 850 अंतरराष्ट्रीय विवादों में 75 फीसदी मामले शुरुआती 10 साल के भीतर ही खत्म हो गए। कोविड-19 को लेकर तनाव के कारण सांस्कृतिक और राजनीतिक बदलाव होना तय है। साफ नजर आ रहा है कि बदलाव होने की जमीन तैयार हो रही है।

2-तकनीक का बेहतर इस्तेमाल होगा

विशेषज्ञों का कहना है कि संकट के हालात बहुत से अवसर भी तैयार करता है. तकनीक का बेहतर इस्तेमाल होगा. लोग बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलेंगे। इससे ध्रुवीकरण की आशंका कम रहेगी। लोगों के एंज्वाय करने के तरीकों में तेजी से बदलाव होगा। लोग ज्यादातर चीजों के लिए तकनीक पर निर्भर होंगे। हालांकि, इस बारे में स्पष्ट तौर पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. फिर भी मौजूदा हालात को देखते हुए इतना तो कहा ही जा सकता है कि लोगों के जीवन में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

3-मैन्युफैैक्चरिंग उद्योग का भारत में फैैलाव होगा

कोरोना महामारी की वजह से भारत को एक फायदा होता दिख रहा है। सस्ती मजदूरी की बहुतायत की वजह से यहां पर दुनियाभर से मैन्युफैक्चरिंग के प्रस्ताव के आसार नजर आ रहे हैं। इसका एक उदाहरण है उत्तर प्रदेश में जर्मनी की जूता कंपनी का आना प्रस्तावित। ऐसे ही कई और उद्योग सही समय का इंतजार कर रहे हैं जब वह भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएं। इससे देष में बड़े स्तर पर आई आर्थिक मंदी और बेरोजगारी से छूटकारा पाने में मदद मिलेगी। 

4-होंगे कई तरह के डिसऑर्डर

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, वह अकेले नहीं रह सकता। लेकिन कोरोना महामारी ने लोगों को अपने घरों में सीमित रहने को मजबूर कर दिया है। जॉर्जटाउन में भाषाओं के प्रोफेसर और लेखक डेबोर टैनन कहते हैं कि हमारे वर्तमान में होने वाली घटनाएं हमारे अतीत से ही प्रभावित होती हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर में 1918 में वैश्विक महामारी लाने वाले फ्लू की यादें बार-बार ताजा हो रही हैं। हम अक्सर अपने अतीत से मिले सबक भूल जाते हैं। अब अचानक हमें याद आ रहा है कि चीजों को छूना, समूहों में लोगों के साथ रहना और संक्रमित हवा में सांस लेना भी हमारे जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। चीजों को छूने से परहेज करना, लोगों से हाथ मिलाने से कतराना, बार-बार हाथ धोना और सोसाइटी से कटकर रहना आने वाले समय में लोगों में डिसऑर्डर की तरह सामने आ सकता है। लोग किसी की मौजूदगी के बजाय अकेले रहने में ज्यादा सुकून महसूस करने लगेंगे। ऑनलाइन कम्युनिकेशन बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है जिससे लोगों के बीच दूरियां बढ़ती चली जाएंगी। हालांकि, हम एक दूसरे का हालचाल जानने के लिए अब के मुकाबले ज्यादा बातचीत करने लगेंगे।

5-व्यवसाय के तरीके बदलेंगे 

कोरोना का प्रकोप सारी दुनिया को बदलकर रख देने वाला है। व्यापार में बदलाव होगा। उद्यमी अपने बिजनेस मॉडल और अन्य कार्यों का पुनर्खोज करेंगे। उन सभी कार्यों को, जिनका ग्राहक के लिए कोई मूल्य नहीं है, समाप्त कर दिया जाएगा, इसलिए महत्वपूर्ण और राजस्व उत्पन्न करने वाले कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिससे व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाया जा सकेगा। ईआरपी टूल्स का उपयोग पहले से कहीं अधिक किया जाएगा ताकि आमने-सामने बात-चीत और अपडेट कम से कम करने पड़ें। कोरोना वायरस प्रकोप के बाद, व्यवसायों को अज्ञात जोखिमों से बचने के लिए कई बीमा लेने होंगे। नए बाजारों में विस्तार से संबंधित निर्णय तेजी से लिए जाएंगे। कंपनियां विभिन्न कार्यों के लिए लागत में कटौती के उपायों की ओर अग्रसर होंगी, जिन्हें आवश्यक होने पर आउटसोर्स किया जा सकता है। 

6-देश अपनी सीमाओं में हो जाएंगे सीमित 

कोरोना वायरस हमारे घरों में कई महीनों तक मौजूद रह सकता है. इससे लोगों के सरकार के साथ संबंधों पर असर पड़ेगा। लोग खुद सरकार के प्रति अपने रवैये में बदलाव लाकर सहयोग करेंगे। वहीं, बाहरी दुनिया और आपस के व्यवहार में समय के साथ बड़ा फर्क आएगा। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि कुछ बदलाव तो कुछ महीनों के भीतर ही नजर आने लगेंगे। वहीं, कुछ बड़े बदलावों में थोड़ा वक्त लगेगा। लोग देश की सीमाओं को बंद करने और अन्य देशों से सीधे संपर्क के बारे में हर पहलू से सोचने को मजबूर होंगे। 

7-वर्क फ्रोम होम का कल्चर हावी होगा

कोरोना वायरस के चलते मजबूरी में लागू किया गया यह वर्क फ्रॉम होम का विकल्प अगर काम कर गया तो यह ऑफिस वर्किंग की दुनिया को पूरी बदल सकता है। बड़ी-बड़ी कंपनियों का कहना है कि वर्चुअल वर्कप्लेस ही भविष्य है। बैंक के लिए कस्टमर सर्विसेज रोल्स, फोन बैंकिंग, एचआर और कॉरपोरेट ऑफिस फंक्शंस जैसे कार्यों को सबसे पहले रिमोट वर्किंग के लिए तवज्जो दी जा सकती है जिनमें ग्राहकों से मीटिंग करने की जरूरत नहीं पड़ती है। आगे चलकर करीब 20-30 पर्सेंट लोग वर्चुअली यानी कहीं से काम कर सकते हैं। पिछले कुछ हफ्तों से कंपनियां आईटी सिस्टम को बेहतर करने में जी-जान से जुटी हैं जो वर्चुअल वर्कप्लेस को अपनाने में अब तक की सबसे महत्वपूर्ण अड़चन रही है। पहले जो भी कंपनियां इससे दूर भागती थीं, उन्हें अब आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त होने के साथ कोई समस्या नहीं होगी। एचआर हेड्स का यह भी कहना है कि हॉट-डेस्किंग जैसी व्यवस्था कॉमन हो जाएगी जिससे एस्टैब्लिशमेंट कॉस्ट में कमी आएगी।

8- स्कूल-काॅलेजों की पढ़ाई ऑनलाइन हो जाएगी 

कोरोना महामारी ने ऑनलाइन पढ़ाई के लिए रास्ते खोल दिए हैं। लाॅकडाउन के दौरान किया गया ऑनलाइन क्लासेस का एक्सपेरिमेंट अब एक बड़े बदलाव के रूप में सामने आएगा जो पढ़ाई के तरीके को पूरी तरह से बदल कर रख देगा। स्कूल और कालेजों में पढ़ाई करने के लिए डिजिटल माध्यम का प्रयोग और अधिक होने लगेगा। एजूकेशनल गोल्स को हासिल करने के लिए व्हाट्सएप्प, जूम,टीम जैसे ऐप और ईमेल का प्रयोग बढ़ेगा। स्कूल और काॅलेज ऐसे इंफ्रस्ट्रक्चर को डेवलप करेंगे जिससे टीचर और स्टूडेंट कैंपस में नहीं रहते हुए भी पढ़ाई कर सकेंगे। नामी शिक्षण संस्थान परीक्षा के पारंपरिक तरीकों की बजाय ऑनलाइन माध्यम से छात्रों का मूल्यांकन करेंगे।

9-इबादत के तरीकों में बदलाव आएगा

इंसान कितना ही परेशान क्यों न हो, वह अपनी इबादत, पूजा-पाठ करना नहीं छोड़ता। इतिहास गवाह है कि लोगों ने युद्ध के दौरान, भी अपनी पूजा को जारी रखा। लेकिन यह महामारी इस बार कुछ अलग ही स्थिति दिखा रही है। कोरोना वायरस से लोगों के पूजा-पाठ करने के तरीके भी बदल जाएंगे। हर धर्म में किसी भी त्योहार को सामाजिक तरीके से मिल-जुलकर मनाया जाता है। ईस्टर पर लोग इकट्ठे होकर चर्च जाते हैं। मुस्लिम परिवार रमजान में मस्जिद में नमाज अता कर रोजा खोलते हैं। हिंदू धर्म को मानने वाले नवरात्रों में मंदिर जाकर पूजा-पाठ किए जाते हैं। लेकिन आने वाले समय में यह सब बदल सकता है। वोट कॉमन गुड की निदेशक एमी सुलिवन का कहना है- मौजूदा समय में सभी मान्यताओं पर जिंदा रहने की जंग हावी हो चुकी है। कोरोना वायरस हर धर्म के मानने वालों के पूजा-पाठ के तरीकों को बदलकर रख देगा। मानवता की बेहतरी के लिए फिलहाल इन तौर-तरीकों का बदल जाना ही बेहतर है।

10- पर्यटन का अंदाज बदल जाएगा

पर्यटन का तरीका बिलकुल बदलने वाला है। लोग पहले की तरह समूहों में नहीं बल्कि अकेले यात्राएं करना पसंद करेंगे। हो सकता है कि आपको यह बात अटपटी लगे लेकिन समय को देखते हुए यही तरीका सेफ रहने वाला है। पर्यटक छोटी-छोटी यात्राओं की जगह लोग लंबी यात्रा का पैकेज लेंगे जो सस्ता तो होगा ही साथ ही एक ही ट्रिप में कई देषों के दर्षन कराएगा। लोग होटलों की बजाए सस्ते कोटोज में रहना पसंद करेंगे जिससे वह एकांत में रह सकें और अपनी यात्रा को एंज्वाॅय कर सकें। 


Sunday, June 7, 2020

Get Back on Track After Lockdown


भागदौड़ भरी जिंदगी के लिए फिर से हो जाएं तैयार

 

गोलगप्पे, जलेबी, छोले भटूरे और न जाने क्या-क्या. यही सब तो किया हमने लाॅकडाउन के दौरान. वह बात अलग है कि आफिस भी घर पर चलता रहा लेकिन घर में खुला रेस्टोरेंटभी हमारी जुबान को पकवान का स्वाद चखाता रहा. इसका नतीजा हुआ बढ़ा हुआ वजन और सुस्त व्यवहार. खैर, अब जब धीरे-धीरे आफिसेज खुल रहे हैं तो हमें भी फिर से चुस्त और फुर्तीला होना पड़ेगा. इसके लिए खाने-पीने की आदतों के साथ रूटीन में भी बदलाव करना होगा. हम यहां एक्सपट्र्स द्वारा सुझाए दिए कुछ टिप्स शेयर कर रहे हैं जो आपको बैक आॅन ट्रैकले आएंगे.  

स्मूदीज बनाइए, एनर्जी को बूस्ट करिए

यकीन जानिए जो स्मूदीज आपको बेहद स्वादिष्ट लगती हैं वह आपको एक्टिव रखने का भी काम करती हैं. इन दिनों खूब फल और सब्जियां खाइए क्योंकि इनमें मौजूद फाइबर और ढेर सारे विटामिन आपकी एनर्जी बूस्ट करेंगे जिससे आप एक्टिव बने रहेंगे और फिर से आफिस के काम को समय पर निपटा सकेंगे.

बाॅडी को रखें हाइड्रेटेड

जब भी आप घर से बाहर जाएं या फिर कहीं से आएं तो कुछ दिन तक पानी पीने का रूटीन बना लें. साथ ही ज्यादा वाटर कंटेंट वाली चीजें जैसे सलाद, बेरी, टमाटर और खीरा आदि को खाने में शामिल करें. इससे ट्रैवलिंग के दौरान होने वाली पानी की कमी से बचाव होगा. इसके साथ ही यह लाॅकडाउन के दौरान बिन बुलाए मेहमान की तरह आने वाली आपकी पेट की चर्बी को पिघलाने में मदद करेगा. लाॅकडाउन के दौरान दिन में कई बार कुछ-कुछ खाने से जो हमारा हाजमा खराब हुआ है उसे भी दुरूस्त करने में पानी करिष्माई है. तो आप पहले से भी ज्यादा एक्टिव और स्मार्ट दिखना चाहते हैं तो दिन में आठ-14 गिलास पानी पीएं और लोगों को काम्पलीमेंट करने दें.

सादा हो तीनों समय का खाना

ब्रेकफास्ट में अंडे, दूध, अंकुरित अनाज, ग्रीन टी, काॅफी लेना बेहतर रहेगा.

कोशिश करें कि रात का खाना हैवी नहीं हो. हो सके तो इस समय ओट्स, दूध और फल खाकर दिनचर्या को विराम दें. दिन में सलाद और चने, राजमा, छोले जैसे अनाजों के साथ सब्जियों को खाने की आदत डालें. बीच में कुछ खाने का मन हो तो दही ले सकते हैं. ड्राई फ्रूट्स इंस्टेंट एनर्जी देते हैं, तो इन्हें भी अपनी डाइट में शामिल करें. इससे आपकी बाॅडी में न्यूट्रीशन मेनटेन रहेगा.

ड्रिंक्स और मीठे से बनाएं दूरी

ड्रिंक्स और मीठे के शौकीन हैं तो इस पर आपको कांप्रोमाइज करना होगा. लाॅकडाउन से पहले ड्रिंक्स और पार्टी आपकी लाइफस्टाइल का भले ही हिस्सा रहे हों लेकिन यह समय इनसे दूर रहने का है. क्योंकि सिडेंटरी लाइफस्टाइल से एकदम से फास्ट लाइफस्टाइल में आने से बाॅडी में बहुत से चेंजेज आते हैं, इसमें हाई ब्लड प्रैशर और बढ़े हुए शुगर लेवल की सबसे आम शिकायत रहती है, जो गंभीर स्थिति में हार्ट अटैक, स्ट्रोक, व किडनी और नसों से संबंधित बीमारियों को न्यौता दे सकती है. इसलिए ड्रिंक्स और अधिक मीठा खाने से दूरी बनाने में ही समझदारी है.

लाॅकडाउन के दौरान एक्सरसाइज के लिए खूब समय मिला. लेकिन अब जब आफिस की भागदौड़ शुरू होगी तो इसके समय में कटौती होगी इसलिए बेहतर होगा कि सभी एक्सरसाइजेज का समय थोड़ा-थोड़ा कम करके कोषिष करें कि कोई भी स्किप नहीं हो.

वाक को जारी रखें

अगर आप वाक करना चाहते हैं तो इसका तरीका बदल दीजिए. आफिस से दूर रहते हैं तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट लीजिए और दूरी का कुछ हिस्सा पैदल ही पूरा कीजिए. पर याद रहे कि गर्मी के इस मौसम में बाॅडी में पानी की कमी नहीं होने पाए. अगर आप वाक घर पर करना चाहते हैं तो सुबह आधे घंटे पहले उठकर इस टारगेट को पूरा कर सकते हैं.

योग से मेंटल स्ट्रेंथ बढ़ेगी

लाॅकडाउन के दौरान लोगों ने योग को अपने लिविंग रूम में ही किया, काफी लोगों ने लाॅकडाउन के दौरान योग को करना शुरू किया और अपने में बदलाव महसूस किए. किसी ने आनलाइन क्लासेज लीं तो किसी ने सोशल मीडिया के जरिए स्वस्थ्य रहने के इस तरीके को अपनाया. योग को जीवन का हिस्सा बनाने के लिए लाॅकडाउन के खत्म होने के बाद आप योग की क्लासेज या फिर योग के इंस्टीट्यूट को ज्वाइन कर सकते हैं, या फिर चाहे तो घर पर ही इसे कंटीन्यू कर सकते हैं. योग फिजिकल के साथ मेंटल स्ट्रेंथ में भी बढोतरी करता है इसलिए इसे कंटीन्यू करना ही बेहतर होगा.

जिम का रहे रूटीन

महीनों बाद जिम का रूख करना सुकून का एहसास देगा. लेकिन एक लंबे वक्त के बाद हैवी एक्सारसाइज करने से बचें और शुरूआत लाइट एक्सरसाइज से करें. धीरे-धीरे अपनी रूटीन वाली एक्सरसाइज पर आएं जिससे आपकी बाॅडी पर गलत प्रभाव नहीं पड़े. इस दौरान अपने ट्रेनर से डाइट प्लान जरूर डिस्कस करें और लाॅकडाउन के बाद अपनी हैल्थ को मेंटेन रखें.

 

लाॅकडाउन के दौरान हम सभी को परिवार की अहमियत मालूम पड़ी. लेकिन लाॅकडाउन खुलते ही हम सभी अपनी-अपनी लाइफ में फिर से बिजी होने वाले हैं ऐसे में बेहतर होगा कि ऐसा रूटीन बनाएं जिससे हमारी एक्सरसाइज और फूड हैबिट्स पर कोई निगेटिव इफैक्ट नहीं हो.