Sunday, June 7, 2020

Get Back on Track After Lockdown


भागदौड़ भरी जिंदगी के लिए फिर से हो जाएं तैयार

 

गोलगप्पे, जलेबी, छोले भटूरे और न जाने क्या-क्या. यही सब तो किया हमने लाॅकडाउन के दौरान. वह बात अलग है कि आफिस भी घर पर चलता रहा लेकिन घर में खुला रेस्टोरेंटभी हमारी जुबान को पकवान का स्वाद चखाता रहा. इसका नतीजा हुआ बढ़ा हुआ वजन और सुस्त व्यवहार. खैर, अब जब धीरे-धीरे आफिसेज खुल रहे हैं तो हमें भी फिर से चुस्त और फुर्तीला होना पड़ेगा. इसके लिए खाने-पीने की आदतों के साथ रूटीन में भी बदलाव करना होगा. हम यहां एक्सपट्र्स द्वारा सुझाए दिए कुछ टिप्स शेयर कर रहे हैं जो आपको बैक आॅन ट्रैकले आएंगे.  

स्मूदीज बनाइए, एनर्जी को बूस्ट करिए

यकीन जानिए जो स्मूदीज आपको बेहद स्वादिष्ट लगती हैं वह आपको एक्टिव रखने का भी काम करती हैं. इन दिनों खूब फल और सब्जियां खाइए क्योंकि इनमें मौजूद फाइबर और ढेर सारे विटामिन आपकी एनर्जी बूस्ट करेंगे जिससे आप एक्टिव बने रहेंगे और फिर से आफिस के काम को समय पर निपटा सकेंगे.

बाॅडी को रखें हाइड्रेटेड

जब भी आप घर से बाहर जाएं या फिर कहीं से आएं तो कुछ दिन तक पानी पीने का रूटीन बना लें. साथ ही ज्यादा वाटर कंटेंट वाली चीजें जैसे सलाद, बेरी, टमाटर और खीरा आदि को खाने में शामिल करें. इससे ट्रैवलिंग के दौरान होने वाली पानी की कमी से बचाव होगा. इसके साथ ही यह लाॅकडाउन के दौरान बिन बुलाए मेहमान की तरह आने वाली आपकी पेट की चर्बी को पिघलाने में मदद करेगा. लाॅकडाउन के दौरान दिन में कई बार कुछ-कुछ खाने से जो हमारा हाजमा खराब हुआ है उसे भी दुरूस्त करने में पानी करिष्माई है. तो आप पहले से भी ज्यादा एक्टिव और स्मार्ट दिखना चाहते हैं तो दिन में आठ-14 गिलास पानी पीएं और लोगों को काम्पलीमेंट करने दें.

सादा हो तीनों समय का खाना

ब्रेकफास्ट में अंडे, दूध, अंकुरित अनाज, ग्रीन टी, काॅफी लेना बेहतर रहेगा.

कोशिश करें कि रात का खाना हैवी नहीं हो. हो सके तो इस समय ओट्स, दूध और फल खाकर दिनचर्या को विराम दें. दिन में सलाद और चने, राजमा, छोले जैसे अनाजों के साथ सब्जियों को खाने की आदत डालें. बीच में कुछ खाने का मन हो तो दही ले सकते हैं. ड्राई फ्रूट्स इंस्टेंट एनर्जी देते हैं, तो इन्हें भी अपनी डाइट में शामिल करें. इससे आपकी बाॅडी में न्यूट्रीशन मेनटेन रहेगा.

ड्रिंक्स और मीठे से बनाएं दूरी

ड्रिंक्स और मीठे के शौकीन हैं तो इस पर आपको कांप्रोमाइज करना होगा. लाॅकडाउन से पहले ड्रिंक्स और पार्टी आपकी लाइफस्टाइल का भले ही हिस्सा रहे हों लेकिन यह समय इनसे दूर रहने का है. क्योंकि सिडेंटरी लाइफस्टाइल से एकदम से फास्ट लाइफस्टाइल में आने से बाॅडी में बहुत से चेंजेज आते हैं, इसमें हाई ब्लड प्रैशर और बढ़े हुए शुगर लेवल की सबसे आम शिकायत रहती है, जो गंभीर स्थिति में हार्ट अटैक, स्ट्रोक, व किडनी और नसों से संबंधित बीमारियों को न्यौता दे सकती है. इसलिए ड्रिंक्स और अधिक मीठा खाने से दूरी बनाने में ही समझदारी है.

लाॅकडाउन के दौरान एक्सरसाइज के लिए खूब समय मिला. लेकिन अब जब आफिस की भागदौड़ शुरू होगी तो इसके समय में कटौती होगी इसलिए बेहतर होगा कि सभी एक्सरसाइजेज का समय थोड़ा-थोड़ा कम करके कोषिष करें कि कोई भी स्किप नहीं हो.

वाक को जारी रखें

अगर आप वाक करना चाहते हैं तो इसका तरीका बदल दीजिए. आफिस से दूर रहते हैं तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट लीजिए और दूरी का कुछ हिस्सा पैदल ही पूरा कीजिए. पर याद रहे कि गर्मी के इस मौसम में बाॅडी में पानी की कमी नहीं होने पाए. अगर आप वाक घर पर करना चाहते हैं तो सुबह आधे घंटे पहले उठकर इस टारगेट को पूरा कर सकते हैं.

योग से मेंटल स्ट्रेंथ बढ़ेगी

लाॅकडाउन के दौरान लोगों ने योग को अपने लिविंग रूम में ही किया, काफी लोगों ने लाॅकडाउन के दौरान योग को करना शुरू किया और अपने में बदलाव महसूस किए. किसी ने आनलाइन क्लासेज लीं तो किसी ने सोशल मीडिया के जरिए स्वस्थ्य रहने के इस तरीके को अपनाया. योग को जीवन का हिस्सा बनाने के लिए लाॅकडाउन के खत्म होने के बाद आप योग की क्लासेज या फिर योग के इंस्टीट्यूट को ज्वाइन कर सकते हैं, या फिर चाहे तो घर पर ही इसे कंटीन्यू कर सकते हैं. योग फिजिकल के साथ मेंटल स्ट्रेंथ में भी बढोतरी करता है इसलिए इसे कंटीन्यू करना ही बेहतर होगा.

जिम का रहे रूटीन

महीनों बाद जिम का रूख करना सुकून का एहसास देगा. लेकिन एक लंबे वक्त के बाद हैवी एक्सारसाइज करने से बचें और शुरूआत लाइट एक्सरसाइज से करें. धीरे-धीरे अपनी रूटीन वाली एक्सरसाइज पर आएं जिससे आपकी बाॅडी पर गलत प्रभाव नहीं पड़े. इस दौरान अपने ट्रेनर से डाइट प्लान जरूर डिस्कस करें और लाॅकडाउन के बाद अपनी हैल्थ को मेंटेन रखें.

 

लाॅकडाउन के दौरान हम सभी को परिवार की अहमियत मालूम पड़ी. लेकिन लाॅकडाउन खुलते ही हम सभी अपनी-अपनी लाइफ में फिर से बिजी होने वाले हैं ऐसे में बेहतर होगा कि ऐसा रूटीन बनाएं जिससे हमारी एक्सरसाइज और फूड हैबिट्स पर कोई निगेटिव इफैक्ट नहीं हो.

 

 


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