Thursday, April 6, 2017

Why Yogi Adityanath is in hurry?


    योगी आदित्यनाथ जब से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं उन्होंने कई बड़े फैसले लिए हैं, ये फैसले उनके लिए कितनी चुनौतियां लेकर आएंगे इसी पर बेस था इंडिया न्यूज पर टेलीकास्ट होने वाला प्रोग्राम ’अध्र्यसत्य’। प्रोग्राम के एंकर राणा यशवंत ने मुख्यमंत्री जी के पिछले पंद्रह दिनों को बहुत ही करीब से आॅब्जर्व करके इसकी स्क्रीप्ट लिखी। सटीक टिप्पणियों और क्लीपिंग्स से यह बताया गया कि कैसे मुख्यमंत्री योगी हमारे प्रधानमंत्री मोदी के पदचिन्हों पर चलकर प्रदेश को बदलने की कोशिश में जुटे हैं। योगी और मोदी जी के भाषणों को तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर दोनों के विचारों के मेल को दर्शाया गया। बताया गया कि कैसे योगी आदित्यनाथ अपने भाषणों में किए गए वायदों को अमलीजामा पहना रहे हैं। उन्होंने अपनी कट्टर छवि को लेकर अवैध बूचड़खाने बंद करवाए और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए एंटी-ंउचयरोमियो स्क्वायड बनाया। साथ ही अधिकारियों को भी यह कहकर दो किलोमीटर पैदल गश्त लगाने के आदेश दिए कि 18 से 20 घंटे काम करें नहीं तो अपनी राह देख लें। इसके पीछे कानून व्यवस्था को जल्द से जल्द सुधराने की सोच है। एक क्लीपिंग में रात में पुलिस अधिकारियों की सड़कों पर गश्त से लोग भी हैरान दिखाई दिए। लेकिन यह योगी इफैक्ट ही है, जो उत्तर प्रदेश में एक बेहतर माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

अपनी दमदार आवाज में राणा ने यह बताया कि सरकारी दफतरों में बायोमैटिक मशीन लगाने से लेकर फाइलों का तुरंत निपटारा, साफ-ंउचयसफाई पर जोर और कानून व्यवस्था को सुधारने के पीछे 22 करोड़ जनता के जीवन को सुधारने की कोशिश में योगी लगे हैं। लेकिन प्रोग्राम में दिखाया गया कि इस बीच योगी जी के पास कई चुनौतियां भी हैं। 55 लाख किसानों के हजारों-ंउचयलाखों करोड़ रूपए की कर्ज माफी आसान नहीं है। साथ ही बोर्ड परीक्षा में नकल पर नकेल कसना टेड़ी खीर होगी। जिस प्रदेश में खुलेआम और ग्रुप्स मंे नकल होती हो, जहां टीचर तक नकल में संलिप्त हों, वहां यह काम आसान नहीं। गो तस्करी पर पूर्ण प्रतिबंध यह कुछ चुनौतियां योगी के सामने हैं। जहां योगी जी अपने प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में जुटे हैं, अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं, वहीं भाजपा के कुछ विधायक उनकी इस मुहीम को पलीता लगाने में लगे हैं। इलाहबाद के विधायक नंद गोपाल गुप्ता ने सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ अपने गृह नगर में सत्ता की ताकत दिखाई। पुलिस ने एंटी-ंउचयरोमियो कैंपेन के चलते कुछ बेकसूर लोगों को अपना शिकार बनाया, इन सब पर योगी जी को ध्यान देना होगा। उत्तर प्रदेश की बागडोर संभालने के लिए योगी जी को सभी को साथ लेकर चलना होगा। उनके ताबड़तोड़ लिए हुए फैसलों से तो यह लगता है कि वह जल्दबाजी में हैं क्योंकि उनके पास समय कम है, उनको 2019 के आम चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश में ऐसी जमीन तैयार करनी होगी जससे आम जनता उनकी और भारतीय जनता पार्टी की मुरीद हो जाए।

                                  1 अप्रैल 2017 को टेलीकास्ट प्रोग्राम





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