Thursday, April 13, 2017

Chalo Chand ki Sair per

इंडिया टुडे हिंदी संस्करण 19 अप्रैल 2017 का रिव्यू



इस संस्करण में हाइवे पर शराबबंदी, उत्तर प्रदेश चयन आयोग की भर्तियों पर रोक, दिल्ली का एमसीडी चुनाव, बिहार राज्य में पी-सजय़ी बदलाव पर लेख प्रकाशित किए गए हैं। स्थाई स्तंभ भी रेग्युलर पाठकों के लिए हैं। इस बार की आवरण कथा किसी राजनैतिक पृष्ठभूमि से हटकर विज्ञान पर केंद्रित है। ’मु-हजये चांद चाहिए’ नामक कथा में बताया गया है कि कैसे निजी क्षेत्र के सबसे बड़े अंतरिक्ष अभियान के तहत एक भारतीय स्टार्ट-ंउचयअप ‘टीमइंडियंस’ के दो करोड़ डाॅलर के पुरस्कार के लिए चार अंतरराष्टीय टीमों के साथ चंद्रमा पर पहले पहुंचने की होड़ में शामिल हुई। कुछ नया और हटकर करने की सोच रखने वालों के लिए यह अच्छी इंस्पायरिंग स्टोरी है। 





देशभर में हाइवे पर शराबबंदी पर ‘खास रपट’ की श्रंखला में इस कदम से आबकारी राजस्व का घाटा, शराब और होटल व बारों से जुड़े लोगों के तर्क इसे एक संपूर्ण पठनीय आर्टिकल बनाती है। रपट में हरमन सिद्धू का इंटरव्यू भी छापा गया है। हरमन वह शख्स हैं जिसकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। देश की सवोच्र्च न्यायालय के आदेश के बाद भी इससे जुड़े लोग कैसे इसे बचने के उपाए सोच रहे हैं यह इसमें बताया गया है।



जब से योगी सरकार ने उप्र की कमान संभाली है तब से वह लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। उप्र लोक सेवा आयोग में करीब 50,000 से अधिक भर्तियों पर रोक पर भी खास रपट छपी है। डेटा के आधार पर बताया गया है कि आयोग की परीक्षाओं से संबंधित कितनी याचिकाएं कोर्ट में लंबित हैं। कैसे सालों से अयोग्य लोग सीटें कब्जाए बैठे हैं। विवादों में रहीं भर्तियों का संपूर्ण विवरण इसमें दिया गया है।



वहीं जीमोन जैकब ने ‘हवाला 2.0’ के अंतर्गत पड़ताल कर यह बताने का भरपूर प्रयास किया है कि मकड़ी के जाल की तरह फैल चुके हवाला के कारोबार को खत्म करने के लिए महज नोटबंदी जैसे कदम नाकाफी हैं। रपट का फोकस केरल राज्य रहा जहां हवाला कारोबार समाज में स्वीकार है और अर्थव्यवस्था की री-सजय़ है। सख्ती के बाद भी इस कारोबार के फलने-ंउचयफूलने की क्या वजहों पर प्रकाश डाला गया है।



किताब सेक्शन में दो किताबों के बारे में विवरण दिया गया है। पहली है अरविंद मोहन की किताब ‘प्रयोग चंपारण’ जिसमें गांधीजी के चंपारण प्रवास के बारे में लिखा गया है। दूसरी किताब है ‘पैरेबल इंटरनेशनल इंग्लिश-ंउचयहिंदी डिक्शनरी’ जिसमें अंग्रेजी से हिंदी के शब्दों का सटीक अर्थ उच्चारण सहित दिया गया है।



स्मृति शेष में किशोरी अमोणकर को श्रद्धांजलि दी गई है।

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